Radhika Gupta Success Story: स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप पर बेस्ड इंडिया का सबसे लोकप्रिय टीवी शो Shark Tank India season 3 आने वाला है। युवाओं में बेहद लोकप्रिय रहे इस टीवी शो की एक खास शख्सियत आजकल बेहद चर्चा में हैं।
एक सक्सेसफुल बिजनेसवुमेन के रूप में दुनिया भर में अपनी पहचान बन चुकी राधिका गुप्ता Shark Tank India के तीसरे सीजन की जज के रूप में इस शो में शामिल हो रही हैं। राधिका का संघर्ष लोगों के लिए बेहद प्रेरणादायक है। ज़िंदगी की दुश्वारियों से लड़ते हुए इनका जीतने का जज़्बा काबिले तारीफ़ है।
राधिका गुप्ता का आरंभिक जीवन
1983 में पाकिस्तान में जन्मी राधिका गुप्ता का बचपन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। जन्म के समय कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण इनके गर्दन की हड्डी टूटी हुई थी। ज़ाहिर सी बात है, इन्हें कदम-कदम पर अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता था।
पिता योगेश गुप्ता भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी थी, जिस वजह से राधिका का बचपन एक देश से दूसरे देश में एडजस्टमेंट के बीच गुज़रा। अलग-अलग देश में अलग-अलग कल्चर के बीच एडजस्ट करना भी एक बड़ी चुनौती होती थी। लेकिन हर बार राधिका ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचय दिया और डटकर संघर्षों का सामना किया।
कहा से की शिक्षा प्राप्त?
पढ़ाई लिखाई में होशियार राधिका गुप्ता ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से जेरोम फिशर प्रोग्राम के तहत मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन किया। इसके साथ ही इन्होंने कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग में भी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
तनाव और डिप्रेशन का वह दौर
पढ़ाई पूरी होने के बाद अन्य युवाओं की तरह राधिका ने भी एक अच्छी कंपनी में जॉब का सपना देखा और जगह-जगह आवेदन किया। लेकिन लगातार साथ कंपनियों में एप्लीकेशन के रिजेक्ट होने के बाद राधिका एकदम से टूट गईं।
तनाव और डिप्रेशन इतना हावी हो गया कि इन्होंने एक बार आत्महत्या तक का सोच लिया था। हालांकि इस मानस स्थिति से उबरने में इनके दोस्त ने इनकी बहुत मदद की, और प्रोफेशनल मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की सहायता से इन्होंने खुद को संभाल लिया।
राधिका गुप्ता का कॅरियर
राधिका गुप्ता के कॅरियर की शुरुआत 2005 में हुई, जब इन्हें मैकिंसे एंड कंपनी में बिजनेस एनालिस्ट की जॉब मिल गई। 2006 में एक्यूआर कैपिटल मैनेजमेंट में इन्हें बतौर पोर्टफोलियो मैनेजर नियुक्त किया गया। 2009 राधिका गुप्ता के जीवन का टर्निंग पॉइंट था, जब इन्होंने पहली बार ख़ुद का काम करने का सोचा।
इन्होंने अपने पति नलिन मोनिज और दोस्त अनंत जटिया के साथ मिलकर फोरफ्रंट कैपिटल मैनेजमेंट(Forefront Capital Management) नामक फर्म की स्थापना की। आगे चलकर 2014 में एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विस(Edelweiss Financial Services) द्वारा इससे अधिग्रहीत कर लिया गया।
राधिका गुप्ता एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विस में बिजनेस हेड के तौर पर जुड़ी रहीं। इसके 2 साल बाद ही इन्होंने कंपनी के सीईओ विकास सचदेवा का स्थान लिया और खुद एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विस की सीईओ बनीं।
33 साल में सीईओ बनाकर रचा इतिहास
राधिका गुप्ता ने मात्र 33 साल की उम्र में इतने बड़े इन्वेस्टमेंट फर्म की सीईओ बनकर सबको हैरत में डाल दिया। राधिका भारत की एकमात्र महिला हैं जो इतने बड़े इन्वेस्टमेंट म्यूचुअल फंड कंपनी की मैनेजर हैं। राधिका ने भारत कए पहले घरेलू हेज फंड की स्थापना भी की।
इनकी कामयाबी के पीछे दृढ़ निश्चय, मेहनत, लगन और समर्पण है, जिसकी वजह से इन्होंने राह में आने वाली बड़ी-बड़ी बढ़ाओं को भी मात दिया। राधिका ने शारीरिक अक्षमता को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दी, बल्कि एक सामान्यतः स्वस्थ इंसान से भी ज्यादा असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
विश्व आर्थिक मंच(World Economic Forum) ने भी सराहा
राधिका गुप्ता के आर्थिक निवेश के क्षेत्र में योगदान को देखते हुए विश्व आर्थिक मंच ने युवा वैश्विक लीडर के तौर पर सम्मान दिया। इनके योगदान और उपलब्धियों को देखते हुए युवाओं को प्रेरणा देने के लिए जोश टॉक और टेड टॉक जैसे लोकप्रिय कार्यक्रमों में भी इन्हें बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया और इनके इंटरव्यूज ने इंटरनेट पर धूम मचा दी। राधिका गुप्ता का इंटरव्यू वाला एपिसोड सबसे अधिक देखे जाने वाले एपिसोड्स में से एक बना।
निवेश को लेकर राधिका की सलाह
इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट होने के नाते राधिका का कहना है कि जितनी जल्दी संभव हो बचत और निवेश शुरू कर देना चाहिए। हमेशा सरल और संतुलित निवेश चुनें और इसमें ज़रूरत से ज्यादा जोख़िम उठाने से बचें। सबको अपने निवेश से संबंधित लक्ष्य बनाकर उस पर अमल करना चाहिए। इसके साथ ही राधिका का यह भी मानना है, कि पैसे का आनंद उठाना भी ख़ुद पर किया गया एक निवेश ही है।
इस प्रकार टूटी हुई गर्दन के साथ जन्म लेने वाली एक आम लड़की से लेकर 33 वर्ष की उम्र में 9128 करोड़ की कंपनी की सीईओ बने तक का राधिका का सफ़र निश्चित रूप से काबिलेतारीफ़ है। राधिका के नेतृत्व में आज 2023 में एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विस फर्म का एसेट एक लाख करोड़ से भी अधिक है।
राधिका ने अपनी पुस्तक लिमिटलेस: द पॉवर ऑफ अनलॉकिंग योर ट्रू पोटेंशियल में अपने संघर्षों, सफलता और जीवन के उतार-चढ़ाव के बारे में बखूबी बयां किया है। राधिका गुप्ता की कहानी जीत का जुनून लिए युवाओं के लिए निश्चय ही प्रेरणादायक है।
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