जानें पति-पत्नी के बीच में प्यार बढ़ाने के पांच बेहतरीन टिप्स

आज भी हमारे समाज में शादी को सात जन्मों का साथ माना जाता है। लेकिन इन दिनों सात जन्म तो क्या, एक जन्म भी एक दूसरे से लड़ते-झगड़ते, शिकवे-शिकायतों में ही निकल जाता है।

बहुत बार तो विवाहेतर संबंध या तलाक़ तक नौबत पहुंच जाती है। शादी के कुछ दिनों तक तो सब ठीक दिखता है, पर जल्द ही पति-पत्नी के बीच में रिश्तों की मधुरता कम होने लगती है।

ऐसे में दोनों एक दूसरे पर दोषारोपण करने लगते हैं जिसकी वजह से संबंध बद से बदतर होते चले जाते हैं। ऐसे में अक्सर लोग समझ नहीं पाते कि वह क्या करें जिससे उनका रिश्ता बेहतर हो और वे फिर से अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को पटरी पर ला सकें।

तो आज हम लाए हैं आपके लिए पांच ऐसे जबरदस्त टिप्स, जिसकी मदद से आप अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को खुशियों से भर सकते हैं।

1.आपसी समझ और भरोसा विकसित करें

एक दूसरे पर विश्वास किसी भी मजबूत रिश्ते की आधारशिला होती है। इसके लिए सबसे ज़रूरी है, आपस में खुलकर बातचीत करना। बहुत बार ऐसा होता है कि ग़लतफहमियों की वजह से रिश्ते की दीवार दरकने लगती है। ऐसी स्थिति न आने दें। कोई भी बात हो, अपने साथी का पक्ष धैर्यपूर्वक समझने की कोशिश करें। यह सोचें कि उसकी जगह आप होते तो आप क्या करते। याद रखें भरोसा एक बार टूट जाता है तो दोबारा बना पाने में बहुत मुश्किल होती है।

2.अपने साथी एवं उसके परिवार वालों को सम्मान दें

अब जो आपका साथी (पति या पत्नी) है, उसने अपने जीवन के शुरुआती 25-30 साल जिस परिवार में बिताए हैं, उसके प्रति गहरा जुड़ाव होना स्वाभाविक है।  पति को चाहिए कि पत्नी के मायके वालों को भी अपने परिवार का हिस्सा समझें, जिस तरह से पत्नी ने आपके परिवार वालों को अपना लिया है।

इसी तरह पत्नी को भी पति के परिवार के प्रति प्रेम और अपनेपन से पेश आना चाहिए। तभी दोनों के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत बना सकते हैं। कभी भी एक दूसरे के परिवार को लेकर ताने न दें न ही इनकी बातों को बाहर किसी से साझा करें।

3.पर्सनल स्पेस भी है ज़रूरी

बहुत से लोग यह मानते हैं कि शादीशुदा रिश्ते में पर्सनल स्पेस की कोई ज़रूरत नहीं, जो कि पूरी तरह से ग़लत है। पर्सनल स्पेस हम सभी को चाहिए होता है। इससे रिश्ते की मर्यादा भी बनी रहती है।

पति-पत्नी को चाहिए कि एक दूसरे को पर्सनल स्पेस दे, उन्हें उनके दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का मौका दें। एक दूसरे की ज़िंदगी में इतना भी दखल न दें कि रिश्ता बोझिल हो जाए। बहुत बार इंसान को ‘मी टाइम’ चाहिए होता है, ऐसे में उसे ग़लत ना समझें और उसकी भावना की कद्र करें।

4.अपने साथी को उसकी कमियों के साथ स्वीकारें

जीवन जीने की लोकप्रिय जापानी तकनीक वबी-सबी दृष्टिकोण के अनुसार, हर चीज चाहे वह व्यक्ति हो या वस्तु अपने मूल रूप में अपूर्ण होती है। यही अपूर्णता उसे दूसरों से अलग बनाती है। यही बात रिश्तों पर भी लागू होती है। हम सब के अंदर खूबियों के साथ-साथ खामियां भी होती हैं।

हमें अपने साथी को उसकी कमियों के साथ भी उसी तरह स्वीकार करना चाहिए जैसे हम ख़ुद को करते हैं। अनावश्यक परफेक्ट बनने का दबाव रिश्ते को तोड़ कर रख देता है। दूर के ढोल सुहावने होते हैं, जो दूर से जैसा दिखता है ज़रूरी नहीं कि वह वैसा ही हो। इसलिए अपने साथी की तुलना किसी और से करके उसे बदलने का प्रयास कभी न करें।

5.साथी के साथ क्वालिटी टाइम ज़रूर बिताएं

जीवन में कितनी भी भागमभाग हो, लेकिन अपने साथी के लिए थोड़ा सा वक़्त उसमें से ज़रूर निकाले। साथ में कोई एक्टिविटी प्लान करें, जैसे- मूवी, जिम, गेम्स या कोई हॉबी क्लास। इससे रिश्ते के प्रति रोमांच बना रहता है और आपके अंदर एक टीम वाली फीलिंग भी आती है।

जिस तरह से किसी पौधे के विकास के लिए पर्याप्त धूप, पानी और मिट्टी की ज़रूरत होती है, उसी तरह रिश्ते को जीवंत रखने के लिए एक दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बेहद ज़रूरी है। इसके लिए आप दोनों एक साथ कोई ट्रिप प्लान कर सकते हैं या फिर एक दिन का पिकनिक भी रिश्ते में नई ऊर्जा डालने के लिए काफ़ी होता है।

इसके साथ ही अपने साथी की पसंद-नापसंद का अच्छे से ख़याल रखें। समय-समय पर एक दूसरे को छोटे-मोटे गिफ्ट देकर सरप्राइज देते रहना खुशियों की चाबी बन सकता है। केयर और शेयर किसी भी रिश्ते का आधार होता है। अपने साथी को कभी भी अकेला महसूस न होने दें। हर परिस्थिति में एक दूसरे के साथ रहें और यह महसूस कराएँ कि वो आपके लिए कितना मायने रखते हैं।

साथी को स्पेशल फील करने के लिए आप दोनों की लाइफ से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं (बर्थडेज, एनिवर्सरी वगैरह) को याद रखें और उसको सेलिब्रेट करें। इससे इससे पति-पत्नी के बीच का प्रेम और विश्वास बढ़ता है जो कि रिश्ते के लिए अनिवार्य है।



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