क्या आपने कभी नोटिस किया है कि आपने कोई इंपॉर्टेंट मेल चेक करने के लिए फोन उठाया और सोशल मीडिया स्क्रॉल करने या रील्स देखने लग गए?
फिर इस तरह घंटों गुज़ार देने के बाद आपको ख़याल आया कि अरे मेल का तो जवाब ही नहीं दिया! तो, आप अकेले नहीं है, यह बहुत सारे लोगों के साथ आए दिन होता रहता है।
सोशल मीडिया की लत इस तरह से हावी हो रही है कि लोगों का ज़रूरी कामकाज तक प्रभावित हो रहा है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में तो गिरावट आती है साथ ही काम को लेकर भी ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
इस तरह आपका पूरा रूटीन ध्वस्त हो जाता है और इन सब का असर आख़िरकार रिश्तों पर भी पड़ने लगता है। क्या आप जानते है की हम सोशल मीडिया पर अपनी लाइफ के कई घंटे रील्स देख कर वेस्ट केर रहे है
यह सब कुछ महसूस करने के बाद आप तय करते हैं कि आज से सोशल मीडिया का समय सीमित करना है और अपने काम पर फ़ोकस करना है। लेकिन कुछ समय बाद एहसास होता है कि आप फिर से अपना कंट्रोल खो चुके हैं।
ऐसे में आज हम बात करने वाले हैं पांच ऐसे कारगर तरीकों के बारे में, जिस पर अमल करके निश्चित ही आप सोशल मीडिया की लत से छुटकारा पा सकेंगे।
1. स्पष्ट लक्ष्य बनाएं
सबसे पहले आपको लक्ष्य निर्धारित करना होगा। यानी आप सोशल मीडिया को पूरी तरह से छोड़ना चाहते हैं या फिर उसे पर लग रहे समय में कटौती करना चाहते हैं।
उदाहरण के तौर पर मान लें कि आप पहले 6-7 घंटे सोशल मीडिया पर खर्च कर देते थे और अब आप इस समय को सीमित करके दो घंटे करना चाहते हैं। लक्ष्य निर्धारित करने, उस पर अमल करने और समय-समय पर मूल्यांकन करने से आपको आसानी होगी।
2. स्टेप बाय स्टेप बदलाव
माना कि अभी तक आप दिन के 7- 8 घंटे सोशल मीडिया पर बिता रहे थे तो ऐसा लक्ष्य न बनाएं कि अब एकदम से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना ही नहीं है, क्योंकि यह व्यावहारिक नहीं है। अगर आपको पूरी तरह से भी सोशल मीडिया को अलविदा भी कहना है तो धीरे-धीरे करके करें।
पहले उस पर बिताए जा रहे घंटे कम करें, फिर बारी-बारी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को छोड़ें। अचानक से इतना ज्यादा बदलाव संभव नहीं है क्योंकि सोशल मीडिया की लत की तुलना ड्रग्स की लत की गई है। जिसको अचानक से छोड़ने पर स्ट्रेस, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
3. नोटिफिकेशंस और रिंगटोन को बंद रखना
नोटिफिकेशन्स और रिंगटोन सोशल मीडिया की लत के लिए ऑक्सीजन का काम करते हैं। जैसे ही आपको नोटिफिकेशन सुनाई देता है आप खुद को रोक नहीं पाते और आपका हाथ फोन पर चला जाता है।
इसलिए किसी भी तरह के आकर्षण और व्यवधान से बचने के लिए आप नोटिफिकेशंस को बंद रखें।रिंगटोन साइलेंट रखें या फिर संभव हो तो कुछ कुछ समय के लिए ऐप को ही अनइन्स्टॉल कर दें।
4. डिजिटल डिटॉक्स का अभ्यास
डिजिटल डिटॉक्स यानी वह समय अवधि जब आपको समय के लिए किसी भी डिजिटल उपकरण से दूर रहते हैं। यह सोशल मीडिया से छुटकारा पाने का एक जबरदस्त तरीका साबित हो रहा है। ऐसे समय का उपयोग आप अपने हॉबीज जैसे किताबें पढ़ने, घूमने, दोस्तों या करीबियों के साथ मिलने-जुलने में कर सकते हैं।
आप किसी ऐसे ग्रुप का हिस्सा बन सकते हैं जो सोशल मीडिया छोड़ने या डिजिटल डिटॉक्स के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। साथ ही आप घर का कुछ एरिया जैसे लिविंग रूम या डाइनिंग हॉल को सोशल मीडिया फ्री जोन के रूप में बना सकते हैं।
5. रूटीन शेड्यूल या टाइम-टेबल बनाएं
आप अपने दिन भर के किए जाने वाले कार्यों की सूची बनाएं और उनके लिए प्राथमिकता के अनुसार समय निर्धारित करें। आप तय करें कि आप दिन के कितने घंटे किस काम के लिए देना चाहते हैं। ज़ाहिर सी बात है आप सोशल मीडिया के लिए घंटों तो नहीं अलॉट करने वाले।
इसके बाद हर दिन सोने से पहले आप डायरी मेंटेन करें कि आपने अपने रूटीन को कितना प्रतिशत फॉलो किया। आप चाहे तो पनिशमेंट एंड रीवार्ड सिस्टम भी रख सकते हैं। इस तरह एक अच्छा रूटीन आपको अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मददगार साबित हो सकता है।
जब भी आप सोशल मीडिया से छुटकारा पाने के लिए सोचें या प्लान बनाएं, तो इसकी सूचना अपने दोस्तों और करीबियों को जरूर दें। इससे वे आपका सोशल मीडिया टाइम को ट्रैक करने में ज़रूरत पड़ने पर आपकी मदद भी कर सकते हैं और आपको आपके लक्ष्य याद दिलाने में भी सहायक होंगे।
याद रखें अति किसी भी चीज की हो उसका असर बुरा ही होता है। सोशल मीडिया अपने आप में अच्छा प्लेटफ़ॉर्म साबित होता है यदि इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए। लेकिन जब यह आपके रूटीन के कार्यों को प्रभावित करने लगे, जब इसका नकारात्मक असर आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ने लगे तो आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
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