Sandeep Engineer Success Story: सलमान खान की फिल्म ने संदीप को बनाया अरबों का मालिक

स्वामी विवेकानंद का एक प्रसिद्ध कथन है, “उठो जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो।”

इस कहावत को पूरा कर दिखाया है एस्ट्रल पॉलिटेक्निक के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और संस्थापक संदीप इंजीनियर ने। बिना किसी बिजनेस बैकग्राउंड के इन्होंने बिजनेस की दुनिया में वह मुकाम हासिल कर लिया, इसके बारे में सोचना भी नामुमकिन सा लगता है।

फोर्ब्स के टॉप 100 अमीर भारतीयों में शामिल संदीप के लिए रास्ता इतना आसान नहीं था।

फोर्ब्स के अनुसार 2023 तक संदीप इंजीनियर की कुल अनुमानित संपत्ति 340 करोड़ अमेरिकी डॉलर है। तो कैसे उन्होंने यह सफलता हासिल की? रास्ते में क्या चुनौतियां रहीं ?इन सब के बारे में आज हम बात करने वाले हैं।

जन्म और पारिवारिक जीवन

संदीप इंजीनियर का जन्म 11 मई 1961 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। इनके पिता प्रवीण चंद्रा और मां हंसाबेन इंजीनियर साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे।

इनका बिजनेस से दूर-दूर तक कोई नाता न था। संदीप इंजीनियर की शादी जागृति से हुई और उनके दो बच्चे हुए कैरव और सौम्य। इन दोनों ने आगे चलकर एस्ट्रल पाइप को बुलंदियों पर पहुंचाने में बहुत ही अहम योगदान दिया।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि

संदीप की स्कूली पढ़ाई अहमदाबाद के लिए उद्गाम स्कूल से हुई। इसके बाद इन्होंने लालभाई दलपत भाई कॉलेज आफ इंजीनियरिंग से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।

शुरुआती कॅरियर

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद दूसरे साथियों की तरह इन्होंने भी अच्छी नौकरी हासिल करने के लिए प्रयास करना शुरू कर दिया। संदीप की मेहनत रंग लाई और कैडिला फार्मास्यूटिकल्स में इन्हें प्रोजेक्ट इंजीनियर की जॉब मिल गई।

लगभग 2 साल नौकरी करने के बाद उन्हें वह संतुष्टि नहीं मिल रही थी जो वह हासिल करना चाहते थे। 1981 में इन्होंने इसबगोल के डिस्ट्रीब्यूटरशिप में संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया।

इसबगोल पेट से संबंधित समस्याओं के लिए दवा का काम करती है। लेकिन दुर्भाग्य से यहां भी नहीं असफलता हाथ लगी।

दरअसल डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर जब इन्होंने इसबगोल का वितरण शुरू किया तो थोक एवं खुदरा दुकानदार इसे उधार में माल लेने और बिक्री होने के बाद पैसे देने की शर्त रखते थे। इसका नतीजा यह हुआ, कि संदीप को 1980 के दशक में अपना पहला बिजनेस घाटे में बंद करना पड़ा। ग़ौरतलब है कि उस समय इन्हें ₹5000 का घाट उठाना पड़ा था।

श्री केमिकल्स की स्थापना

पहले बिजनेस असफल होने के बाद भी संदीप का बिजनेस के प्रति जुनून कम नहीं हुआ। 1987 में कैडिला फार्मास्यूटिकल के अध्यक्ष पंकज पटेल की सलाह पर इन्होंने एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स बनाने का काम शुरू किया।

इसके लिए संदीप ने श्री केमिकल्स नामक कंपनी की स्थापना की।

लेकिन इस बार भी इन्हें हार का सामना करना पड़ा। दरअसल कैडिला कंपनी नाम से माल खरीदने का अनुबंध किया था, लेकिन खराब क्वालिटी का हवाला देकर पूरा माल नहीं खरीदा। जिसकी वजह से संदीप इंजीनियर को एक बार फिर से तगड़ा घाटा लगा।

एस्ट्रल पॉलिटेक्निक से एस्ट्रल पाइप का सफ़र

लगातार मिलती असफलताएं भी संदीप का मनोबल नहीं तोड़ पाईं। संदीप इंजीनियर लगातार बिजनेस के लिए उपलब्ध संसाधनों और संभावनाओं पर रिसर्च करते रहे। इन्होंने मार्केट के डिमांड और सप्लाई चेन पर बारीकी से स्टडी की।

इससे इन्हें पता चला कि भारत में सीपीवीसी पाइप की डिमांड काफी ज़्यादा है, जबकि सप्लाई की बहुत कमी है। यह 1998 का साल था और तब तक भारत में सीपीवीसी पाइप का निर्माण शुरू नहीं हुआ था। इसी साल संदीप इंजीनियर में एस्ट्रल पॉलिटेक्निक की स्थापना की, जो कि सीपीवीसी पाइप बनाने की पहली भारतीय कंपनी बनी।

इनका यह बिजनेस ठीक-ठाक ही चल रहा था लेकिन इसमें अचानक से एक बड़ा बूम सन 2010-11 में आया, जब उनके बेटे कैरव ने कंपनी का कार्यभार संभाला।

कैरव ने कंपनी की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर फोकस करना शुरू किया। कंपनी का नाम एस्ट्रल पॉलिटेक्निक से बदलकर एस्ट्रल पाइप रखा क्योंकि पॉलिटेक्निक नाम की वजह से एजुकेशनल इंस्टीट्यूट होने का भ्रम होता था।

सलमान खान की फिल्म दबंग से मिली कंपनी को ऊंची उड़ान

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान को एस्ट्रल पाइप का ब्रांड एंबेसडर बनाने से इसे देश के कोने-कोने में जाना जाने लगा।

साथ ही कंपनी ने दबंग सीरीज की फिल्मों को को-स्पॉन्सर भी किया। इस तरह से संदीप इंजीनियर का सक्सेसफुल बिजनेसमैन बनने का रास्ता आसान हो गया। एस्ट्रल पाइप ने सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल की और संदीप इंजीनियर को अरबपतियों की सूची में शामिल कर लिया गया।

इस तरह संदीप इंजीनियर ने सही समय पर अवसर को पहचाना और अपनी मेहनत और लगन से उस पर काम किया। जिसका नतीजा यह निकला कि उनकी कंपनी देशभर में छा गई। घर-घर में एस्ट्रल पाइप का इस्तेमाल किया जाने लगा।

इस तरह से बिना किसी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बिजनेस में इतना बड़ा मुकाम हासिल करके संदीप इंजीनियर ने इतिहास रच दिया। इनका संघर्ष और सफलता दोनों ही प्रेरणादायक हैं। संदीप इंजीनियर की कहानी बिजनेस के क्षेत्र में जाने वाले युवाओं के लिए मार्गदर्शन का काम करती है।

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