लाइफ पार्टनर चुनते समय न करें ये पांच गलतियां, अरेंज मैरिज वाले भी रखें ध्यान

परिवार और पैसा जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से हैं।

इनमें से किसी एक के बिना भी जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। एक परिवार वह होता है जो आपको बनाता है, यानी जहां आप जन्म लेते हैं, इसे खून का रिश्ता भी कहते हैं। दूसरा वह होता है जिसे आप बनाते हैं, जिसे आप चुनते हैं। आपकी ज़िंदगी इसी के इर्द-गिर्द घूमती रहती है।

आप कितना भी पैसा कमा लें, सफलता की ऊंचाइयां हासिल कर लें, लेकिन आपके सुख-दुख में साथ देने के लिए आपको एक साथी की ज़रूरत होती है।

कभी-कभी आपके परिवार वाले आपके लिए साथी ढूंढते हैं तो कभी आप ख़ुद यह फ़ैसला करते हैं। पर सही लाइफ पार्टनर की खोज इतना आसान नहीं है।

आख़िर ये जीवन भर का साथ होता है, तो फिर इसके लिए आपको बहुत सोच समझकर फ़ैसला करने की ज़रूरत होती है। इसलिए चाहे अरेंज्ड मैरिज करना हो या लव मैरिज अपना लाइफ पार्टनर चुनते वक़्त कभी भी ये ग़लतियां न करें कि आपको पछताना पड़े।

1. जीवन-लक्ष्य या प्राथमिकताएं तय न करना

हम सब की ज़िंदगी का कोई न कोई मकसद होता है। कोई अपने लिए जीना चाहता है तो कोई परिवार के लिए, वहीं कोई समाज सुधार में समर्पित होने को ही अपना मकसद मानता है।

इसी तरह किसी को बच्चे चाहिए तो कोई एंटीनेटलिस्ट हो सकता है।

ऐसे में लाइफ पार्टनर चुनते वक़्त अपनी प्राथमिकताएं और ज़िंदगी का मकसद हमेशा ध्यान में रखें। यह एक दूसरे से मैच करना चाहिए, ताकि आपकी आने वाली ज़िंदगी आसान बन सके। ऐसा नहीं होने पर आपसी कलह और मतभेद आपका जीना मुश्किल कर सकते हैं।

2. कंपैटिबिलिटी पर ध्यान न देना

माना कि हम सभी की बुद्धि का स्तर अलग-अलग होता है। यह भी ज़रूरी नहीं कि आपका और आपके साथी का स्तर एकदम मैच कर रहा हो, लेकिन इसमें इतना भी अंतर नहीं होना चाहिए कि आप दोनों एक दूसरे की बात ही न समझ सकें।

अगर आप जीवन साथी चुनते वक़्त कंपैटिबिलिटी पर ध्यान नहीं देंगे तो धीरे-धीरे आपके बीच कम्युनिकेशन गैप आता जाएगा और आपका रिश्ता कभी भी सही तरीके से नहीं चल पाएगा। याद रखें लुक्स या पैसा देखकर कंपैटिबिलिटी को अनदेखा करना ग़लत फैसला साबित हो सकता है।

3. आपसी सम्मान और विश्वास की अनदेखी

किसी भी रिश्ते का आदर सम्मान और विश्वास होता है फिर जहां लाइफ पार्टनर की बात आती है यहां तो यह और भी ज़रूरी हो जाता है।

जब आप किसी के साथ जीवन भर का साथ सोचते हैं तो यह ध्यान रखें कि आपका लाइफ पार्टनर आप पर विश्वास करे और आपको और आपके परिवार को सम्मान दे। लव मैरिज में तो

आप एक दूसरे को पहले से जानते-समझते हैं, पर अरेंज्ड मैरिज में भी आप लोगों को बातचीत करने और मिलने का मौका मिले तो इन पहलुओं पर ग़ौर फ़रमाना न भूलें। सम्मान और विश्वास के बिना कभी भी कोई रिश्ता नहीं टिकता।

4. दबाव में आकर फ़ैसला लेना

कभी भी किसी के दबाव में आकर लाइफ पार्टनर चुनने का फैसला न करें। न ही ख़ुद को किसी के इमोशनल ब्लैकमेलिंग का शिकार होने दें, चाहे वह आपका परिवार हो, दोस्त हों या रिश्तेदार।

याद रखें जीवन भर साथ आपको निभाना है, इसलिए फ़ैसला भी आपका होना चाहिए। लाइफ पार्टनर चुनते वक़्त आपको आज्ञाकारी नहीं बनना, न ही किसी का दिल रखने की ज़रूरत है। यह आपके भविष्य के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है।

5. जल्दबाजी करना

आपने सुना होगा कि जल्दी का काम शैतान का मित्र होता है। फिर जहां बात लाइफ पार्टनर चुनने की हो वहां तो बहुत अच्छे से सोच समझकर ही फ़ैसला करना चाहिए। हमारे समाज में रिश्ता जोड़ना आसान है मगर तोड़ना बहुत मुश्किल।

ज़्यादातर लोग एक दूसरे को झेलते रहते हैं लेकिन परिवार और समाज की वजह से अलग होने की हिम्मत नहीं कर पाते। ऐसे में लाइफ पार्टनर चुनते वक़्त बहुत अच्छे से सोच समझ लेना चाहिए। भले ही समय थोड़ा ज़्यादा लग जाए, लेकिन जब आप पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएं तभी रिश्ते के लिए हां कहें।

इसके अलावा अपने लाइफ पार्टनर का चुनाव करने से पहले अपनी प्राथमिकताएं तय करें, इसके बाद अपने होने वाले साथी से उन्हें साझा करें। पसंद-नापसंद को ध्यान में रखें और विचारधारा से समझौता तो बिल्कुल न करें। खान-पान और जीवनशैली भी बहुत मायने रखती है।

मान लो कि आप दोनों में से एक नॉन- वेजिटेरियन है तो दूसरा वेजीटेरियन या वीगन, ऐसे में लंबे समय तक एडजस्ट कर पाना बहुत मुश्किल होता है।

कॅरियर गोल और बच्चों को लेकर भी पहले से ही एक दूसरे से बात करना बेहतर होता है। तो जब भी रिश्ते की बात आए आप भूल कर भी ऐसी ग़लतियां न दोहराएं जो आपके रिश्ते को संकट में डाल दे। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए अगर आप अपने लाइफ पार्टनर का चुनाव करेंगे तो ज़्यादा संभावना है कि आपको रिश्ते में आगे चलकर कोई प्रॉब्लम नहीं होने वाली है।



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